पशुओं के गले में सूजन का उपचार । TREATMENT OF PHARINGITIS

ग्रसनी ( गला) भोजन और वायु के लिए एक सामान्य मार्ग है। गला में लालिमा, जलन या संक्रमण की स्थिति को फेरिंजाइटिस ( PHARINGITIS ) या गले में सूजन कहते हैं । यह घोड़ों और कुत्तों में आम है।

इसे देखें – पशुओं के खुर पकने का कारण, लक्षण तथा उपचार । TREATMENT OF FOOT ROT

फेरिंजाइटिस का कारण क्या है । ETIOLOGY OF PHARINGITIS

  • तीखा चुभने वाला चारा , पिन या हड्डी के छोटे टुकड़ों की चोट ।
  • लापरवाही से प्रोबेंग या स्टोमक ट्युब डालना ।
  • अधिक ठंडा या अधिक गर्म आहार खाना ।
  • कुत्तों में अधिक भौंकने के कारण ।
  • जलन पैदा करने वाले केमिकल्स गले में जाने से ।
  • वाइरल व बैक्टीरियल कारक से ।

फेरिंजाइटिस का लक्षण क्या हैं । SYMPTOMS OF PHARINGITIS

  • फेरिंक्स में सूजन के कारण खाना निगलने व पानी पीने में परेशानी ।
  • गर्दन के हाथ लगाने पर दर्द महसूस करना ।
  • उबकाई लेना यानी उल्टी की कोशिश करना ।
  • दर्दयुक्त खांसी आना , खाने – पीने के दौरान खांसी अधिक आना ।
  • अधिक लार गिरना , गर्दन अकड़ी हुई रखना ।
  • नाक के दोनों छिद्रों से पतला , म्युकस व मवाद जैसा डिस्चार्ज आना ।
  • खाया हुआ आहार , पानी नथूनों से बाहर आना ।
  • regurzitation Pharyn feal paralysis – रैबीज हो सकती है ।

फेरिंजाइटिस का डायग्नोसिस कैसे करें । DIAGNOSIS OF PHARINGITIS

  • Bilateral nasal discharge- दोनों नाक छिद्रों से डिस्चार्ज आना ।
  • सिर व गर्दन सीधी तनी हुई रखना ।
  • खांसी ( Cough ) , अधिक लार गिरना ।
  • गले के एक्स – रे द्वारा जांच ।

फेरिंजाइटिस का उपचार क्या है । TREATMENT OF PHARINGITIS

  • Mandel’s solution – को गले लगाएं ।
  • आयोडिन ( 600 mg ) , + पोटे आयोडाइज्ड ( 1.2 gm ) + पेपरमेंट तेल ( 250 mg ) + ग्लिसरीन ( 30ml )
  • Medicated inhalation – तारपीन के तेल या टिंचर बैंजिन या युकेलिप्टिस तेल को गर्म पानी में डालकर दवा का बफारा देवें ।

Solution – 150 gm in gallon of water . घोड़ों में बाल्टी के ऊपर पतला कपड़ा ढकें ताकि घोड़ा घोल पी न सके ।

  • Antibiotic

Penicillin – 20 lacs IU I / M ( large animals )

– 4 lacs IU I / M ( small animals )

Oxytetracycline – 500 mg I / V ( large animals )

-100 mg I / v , ( Small animals )

  • Antibiotic combination – ( Streptopencillin )

Penicillin + Streptomycin – 1 / M for 5 days

  • Antithistaminic injection – अडिमा व एलर्जी कम करने के लिए ।
  • Vitamin A and c – म्युकोसा को जल्दी सामान्य करने हेतु ।
  • Cough electuary – यह सिर्फ रूमिनेन्ट व घोड़ों को ही दें । जिन पशुओं के केनाइन दांत होते हैं उन्हें कफ इलेक्चुरी नहीं देनी चाहिए जैसे ऊँट , कुत्ता , बिल्ली आदि ।

Amon chlor , Amon car , aa- 120 gm .

Camphor – 30 gm .

fluid extract of belladona – 30 gm

  • गाय – भैंस व भेड़ – बकरियों में इस रोग के दौरान ड्रेचिंग न करें । वरना डॅचिंग न्युमोनिया हो सकता है ।

इसे देखें – निगलने में कठिनाई ( OESOPHAGITIS ) के लक्षण तथा इलाज

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