जन्म के समय बच्चों की खोपड़ी या चाँद का कुछ भाग जो ब्रह्मतालु कहलाता है , अपरिपुष्ट या पिलपिला होता है । साधारणतः छः महीने में यह भर जाता है और खोपड़ी के अन्यान्य स्थानों की तरह वहाँ का स्थान भी कड़ा हो जाता है । यदि इतने समय में ब्रह्मतालु परिपुष्ट न हो तो उसका इलाज करना चाहिये ।

बच्चों के ब्रह्मातालुका न भरने का होम्योपैथिक उपचार ।
- सल्फर 30 या 200 ( 2 बुंद 3 बार ) – यह इस रोग की बढ़िया दवा है । छः महीने में ब्रह्मतलु परिपुष्ट न होने पर बीच बीच में इसे देना चाहिये ।
- कल्केरिया कार्ब 30 या 200 ( 2 बुंद 3 बार ) – सल्फर से लाभ न होने पर इसे देना चाहिये ।
आवश्यक सुचना –
ब्रह्मतालु को हमेशा सरसों के तेल से तर रखने पर यह शीघ्र परिपुष्ट हो जाता है । इसमें कोई असुविधा हो तो उतने स्थान में सरसों के तेलकी पट्टी चढ़ा रखनी चाहिये ।
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