मुत्राशय प्रदाह ( जलन ) क्या है ।
इस रोग में मुत्राशय में दर्द होता है । और बार – बार पेशाब जाने की इच्छा होती है और पेशाब करते समय मुत्राशय में जलन और दर्द रहता है कष्ट के साथ पेशाब आती है ।
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मुत्राशय प्रदाह ( जलन ) का घरेलू उपचार :-
- प्रतिदिन गाजर का रस पीने से जलन में आराम मिलता है ।
- चौलाई के पत्तों का सूपहींगजीरा मिलाकर पीने से दर्द में कमी आती है ।
- चावल के मांड में मिश्री मिलाकर पीने से बीमारी में लाभ होता है ।
- 5-6 ताजे आँवले का रस निकालकर उसमें शहद मिलाकर पीयें ।
- त्रिफला चूर्ण का काढ़ा गुड़ मिलाकर पीने से आराम मिलता है ।
- लौकी तथा तोरई उबालकर जौकी रोटी के साथ खाने पर आराममिलताहै ।
- दो प्याज की गांठ को बारीक काटकर 1 ग्लास पानी में उबालें । पानी आधा रहने पर छानकर पीयें ।
- अनार के छिलके का पाउडर बनायें । ताजे पानी से 1 चम्मच दो – तीन बार प्रतिदिन सेवन करें ।
- आधा किलो मुली के पत्तों का रस निकालकर उसमें 3 चम्मच कलमी शोरा मिलाकर पीने से पेशाब की जलन में आराम मिलेगा ।
- ककड़ी को बारीक काटकर और उसमें मिश्री मिलाकर सलाद के रूप में खाने से पेशाब कारोग खत्म होता है ।
- पोस्ता दाना + सुखा आँवला + हल्दी तीनों बराबर मात्रा ( 10 ग्राम ) में लेकर पाउडर बनायें फिर इसे आधा किलो पानी में भिगो दें । सुबह वह पानी छानकर पीयें रोग ठीक होगा ।
- धनिया सुखा आँवला – सफेद चंदन मिश्री 10-10 ग्राम मात्रा में लेकर पानी में भिगों दे प्रातःकाल खाली पेट वह पानी छानकर पीलें ।
- 4 चम्मच मुली का रस जरा सा सेंधा नमक डालकर पीयें ।
मुत्राशय प्रदाह ( जलन ) का आयुर्वेदिक उपचार :-
दानेदार धनिया को मोटा पीसकर इसका छिलका अलग कर लें । फिर बीजों के अन्दर की गिरी निकालकर तीन सौ ग्राम धनिया की गिरी ( प्रायः साढ़े चार सौ ग्राम धनिया में तीन सौ ग्राम गिरी निकल आती है । ) तीन सौ ग्राम मिश्री या चीनी लें । दोनों को अलग – अलग पीसकर आपस में मिला लें , समझ लीजिए औषधि तैयार है । मूत्राशय की जलन के अलावा वीर्य की उत्तेजना दूर करने में भी यह अचूक है । वजन खुराक 5 ग्राम एक गिलास ठंडे पानी से दिन में 2 बार लें । केवल 3 दिन तक ।