
आग या किसी गरम चीज से अचानक सेजल जाने से शरीर में फफोले पड़ जाते हैं । घी , तेल , दूध , चाय , भाप , गरम तवे से जलने से भी फफोले पड़ जाते हैं । काफी तेज जलन होती है । कभी – कभी फफोलों मेंमवाद भी आजाता है ।आग से जलने ( Burns ) अपनाये ये दवाएं
जलने का घरेलू उपचार :-
- सबसे पहले जले हुये हिस्से को ठंडे पानी में डालकर रखें ।
- दही के पानी में थोड़ा सा चूना मिलाकर जले हुये स्थान पर लगायें । यह नुस्खा तेल से जलने पर ही उपयोग करें ।
- किसी अम्ल से जल जाने पर अधिक से अधिक समय तक जला हुआ हिस्सा पानी में रखें उसके बाद मेहंदी या अनार के पत्तों को पीसकर लेप लगायें ।
- आग से जल जाने पर तारपीन के तेल में कपूर मिलाकर लेप करें ।
- नारियल के तेल में मोम मिलाकर गरम करें और ठंडा होने पर मरहम की तरह लगायें ।
- गाय के घी में बड़ की जड़ , रक्त चंदन , रसौट , तवाखीर , गेरू की समान मात्रा मिलाकर फफोलों पर लगायें जलन कम होगी ।
- तिल के तेल में जौ का भुना हुआ आटा मिलाकर लेप लगायें ।
- तिल के तेल में खाने का चूना मिलाकर धोंटे और उसका लेप जले हुये स्थान पर लगायें ।
- कच्चे बथुए का रस जले हुये स्थान पर लगायें ।
- मुलहठी को चंदन के साथ पानी में घिसकर लेप करें ।
- मुलतानी मिट्टी को दही में मिलाकर जले हुए स्थान पर लेप करें ।
- तुलसी की पत्तियों को पानी में पीसकर उसका लेप जले हुए स्थान पर लगायें ।
- गेहूँ के आटे को पानी में घोलकर लेप की तरह लगायें ।
- नारियल के तेल में तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर तथा मेथी के दाने को बारीक पीसकर मरहम की तरह लगायें ।
- गरमी के दिनों में बेल का गुदा पानी में घोलकर लगाने से भी आराम मिलता है ।
- बरगद के पत्तों को दही में पीसकर जले हुये स्थान पर लगायें इससे जलन कम होती है ।
- कच्चे दूध में जायफल घिसकर लगाने से जलन शांत होती है ।
- चाय का पानी उबालकर उसे ठंडा करके जले हुये स्थान पर लगायें ।
- कच्ची गाजर को पीसकर जले हुये स्थान पर लेप करें ।
- देशी गाय के घी में पीपल की छाल मिलाकर लगानेसेजलन मिटती है ।
जलने का आयुर्वेदिक उपचार :-
- अगर जिस्म का कोई हिस्सा जल जाए तो गोले का तेल 50 ग्राम गर्म करके 12 ग्राम कपूर पीसकर मिला लें । यह तेल ठंडा करके दिन में 4-5 बार जली हुई जगह पर लगायें । जले हुए अंग को फौरन सरसों के तेल में डुबो दें तो छाला नहीं पड़ने देता ।
- सीप – गंधक आमलासार , गूगल बराबर वजन करके मिला लें । जरूरत के मुताबिक बकरी का दूध मिलाकर रात को जलन वाली जगह पर लेप करें ।
- सरसों का तेल 50 ग्राम , 12 ग्राम खाने का सोडा और 3 ग्राम कपूर का तेल मिलाकर 4-5 दिन रात को मालिश करें । खारिश दूर होगी ।
- शरीर के किसी भी जले अंग पर सिरस के पत्ते मलने से लाभ होता है ।
- अमलतास के पत्तों को पानी में पीसकर लगाने से जले अंग पर आराम होता है ।
- आग या गर्म पानी से जले हुए अंग पर तिलों को पीसकर लेप करने से लाभ होता है ।
- जले हुए अंग पर अरण्ड के पत्ते लगाने से आराम मिलता है ।
- बड़ की कोपलों को गाय के दूध की दही में पीसकर आग से जले हुए स्थान पर लगाने से राहत पहुंचती है ।
- अनार के पत्ते पीसकर जले स्थान पर लगाने से जलने से पीड़ा मिट जाती है ।
- काली मसूर की दाल को तवे पर जलाकर कोयला कर ले तथा कपड़छन करके शीशी में भरकर रख लें । आवश्यकता पड़ने पर गोले के तेल में मिलाकर जले हुए स्थान पर लगायें , इससे न तो छाले पड़ेंगे और न ही जले का निशान रहेगा । यह एक अजमूद नुस्खा है ।
- जले हुए स्थान पर गाय का गोबर लगाने से फौरन आराम आ जाता है तथा निशान भी नहीं रहता ।
- कच्चा आलू पीसकर लगाने से लाभ होगा ।
- जले हुए भाग को 15-20 मिनट के लिए गेहूं के आटे में दबा लें लाभ होगा । जलने पर उस भाग को पानी में डुबा दें जलन में कमी होगी ।