पाकाशय की गड़बड़ी और खान – पान के दोष से मुँह की तरह अनेक बार बच्चों के गलेमें भी जख्म हो जाया करते हैं । इससे बच्चों को दूध पीने में कष्ट होता है । वे बड़ी उत्सुकता के साथ माता का स्तन पीने लगते हैं , परन्तु ज्यों ही दूध को गलेके नीचे उतारने…
Month: November 2021
नाभी पकने का कारण , लक्षण तथा होम्योपैथिक उपचार ।
नाल अच्छी तरह न काटने , काटते समय चोट लगने या कुन्द छुरी से नाल काटने पर अनेक बार बच्चों की नाभी पक उठती है और उन्हें बुखार तथा दर्द आदिकी शिकायत पैदा हो जाती है । बच्चों के नाभी पकने का होम्योपैथिक उपचार । नाभी में तन्नाहट और बुखार हो जाने पर एकोनाइट 30…
बच्चों का आँख उठने का होम्योपैथिक उपचार । Homeopathic Treatment For Opthalmia
बच्चों की आँख में धुआँ , तेज रोशनी , हवा का झोंका और सरदी आदि लगने के कारण उनकी आँखें उठ आती हैं । अनेक बार पहले उनकी आँखों के पपटों में ही प्रदाह पैदा होता है , परन्तु इसके इलाज में विलम्ब करने से रोग समूची आँखों में फैल जाता है और बच्चों को…
बच्चों के मुंह में जख्म का कारण तथा उपचार । Homeopathic Treatment For Sore Mouth
खान – पान के दोष , पाकाशय की गड़बड़ी या मुँह को अच्छी तरह साफ न रखने के कारण , जन्म होने के तीन सप्ताह बाद और कभी कभी बच्चों के कुछ बढ़े होने पर उन्हें यह रोग हो जाता है । इसे मुँह का फलना भी कहते हैं । यह रोग होने पर मुँह…
बच्चों के शरीर नीला पड़ जाने का होम्योपैथिक उपचार ( Still Born Child – Blue Stage )
श्वास यन्त्र और हृदय की क्रिया अच्छी तरह न होने के कारण बच्चों को यह रोग हो जाता है । यह रोग होने पर बच्चे के होंठ और गला बदरंग हो जाते हैं , समूचा शरीर नीला पड़ जाता है और शरीर की गरमी का कम जाना , मांसपेशियों का अकड़ जाना , नाड़ी –…
बच्चे की नाक का बन्द होने का होम्योपैथिक उपचार। Homeopathic Treatment For Obstruction of the Nose
जन्म होने के बाद बच्चों को अक्सर एक तरह की सरदी हो जाती है और उसके कारण उनकी नाक बन्द हो जाती है । इससे साँस लेने में तकलीफ , सों सों आवाज , दूध न पी सकना , नींद न आना और कभी कभी नाक से बहुत श्लेष्मा निकलना या बुखार आना आदि लक्षण…
ब्रह्मातालुका न भरने का होम्योपैथिक चिकित्सा । Homeopathic Treatment For Open Fontanelles of Children
जन्म के समय बच्चों की खोपड़ी या चाँद का कुछ भाग जो ब्रह्मतालु कहलाता है , अपरिपुष्ट या पिलपिला होता है । साधारणतः छः महीने में यह भर जाता है और खोपड़ी के अन्यान्य स्थानों की तरह वहाँ का स्थान भी कड़ा हो जाता है । यदि इतने समय में ब्रह्मतालु परिपुष्ट न हो तो…
बच्चे का शरीर फटने का होम्योपैथिक उपचार । Homeopathic Treatment For Excoriations
जन्म होने के बाद मोटे और थुलथुले शरीर के बच्चों का बदन फटकर कभी कभी उनके शरीर में जख्म हो जाते हैं । चमड़े की खराबी या सफाई न रखने के कारण यह रोग होता है । यह रोग होने पर पीठ , बगल , पट्ठे आदि स्थानों में पानी जैसा लगकर वहाँ जख्म हो…
बच्चों को कब्जियत की होम्योपैथिक उपचार। ( Constipation of Infants )
माता पिता को हमेशा कब्जियत रहने से उनके बच्चों को भी यह रोग हो जाया करता है । इसके अतिरिक्त माता का या बच्चे का अनियमित और अयोग्य खानपान , गाय का दूध पीना , यकृत्की खराबी इत्यादि कारणों से भी यह रोग होता है । यदि माता को यह शिकायत हो तो मातका ही…
बच्चों के पेट में शूल (दर्द) का होम्योपैथिक उपचार । ( Colic of Infant )
सरदी लगना , दूषित दूध पीना , अधिक दूध पीना या किसी तरह की दुष्पाच्य चीजें खाना आदि कारणों से बच्चों को यह रोग होता है । अनेक बार माता के खान – पान के दोष से भी बच्चे को यह रोग हो जाता है । बच्चों के पेट में दर्द होने कारण क्या है…