हिंदू धर्म में पूजा – कथा , आरती एवम् अन्य धार्मिक कार्य करते समय शंख बजाने के फायदे।

पूजा – कथा , आरती एवम् अन्य धार्मिक कार्य करते समय सनातनी ( हिन्दू ) लोग शंख फूंकते हैं , क्यों ? शंख फूंकने के पीछे सनातन धर्म की पूर्ण रूप से धार्मिक आस्था निहित है । अथर्ववेद , 4/10/2 के अनुसार शंख की ध्वनि जहाँ तक पहुँचती है वहाँ तक के राक्षसों का नाश…

उत्तर दिशा में सिर करके क्यों नही सोना चाहिए।

उत्तर दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए । क्यों ? क्योंकि सनातन धर्म की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मृतक का सिर उत्तर दिशा की ओर रहता है । वैज्ञानिक कारण – उत्तरी ध्रुव चुम्बकीय क्षेत्र का सबसे शक्तिशाली ध्रुव है । उत्तरी ध्रुव के तीव्र चुम्बकत्व के कारण , मस्तिष्क की शक्ति क्षीण हो…

पशुओं में टोक्सोप्लाज्मोसिस (TOXOPLASMOSIS) का लक्षण एवं होम्योपैथीक उपचार

टोक्सोप्लाज्मोसिस (TOXOPLASMOSIS) क्या है ? टोक्सोप्लाज्मोसिस एक परजीवी के कारण होने वाला संक्रमण है। इस परजीवी को टोक्सोप्लाज्मा गोंडी कहा जाता है| टोक्सोप्लाज्मोसिस (TOXOPLASMOSIS) का लक्षण क्या है ? टोक्सोप्लाज्मोसिस का शायद ही कभी निदान या रिपोर्ट किया जाता है क्योंकि स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वाले अधिकांश रोगियों में रोग के कोई लक्षण या लक्षण नहीं…

थैलेरिओसिस ( THEILERIOSIS ) का कारण, लक्षण एवं उपचार

Synonyms – East cost fever , Rhodesian tick fever . थैलेरिओसिस ( THEILERIOSIS ) क्या है ? यह मुख्य रूप से बछड़े , बछड़ियों व गायों में पाया जाने वाला रोग है । जिसमें पशु को तेज फीवर होता है , एनीमिया होता है , लिम्फ ग्रंथियों में सूजन आ जाती है तथा पशु कमजोर…

बबेसिओसिस ( BABESIOSIS ) का कारण, लक्षण एवं होम्योपैथीक उपचार

Synonyms- Tick fever , Piroplasmosis . Texas fever , Red water disease , Biliary fever , लाल पेशाब । बबेसिओसिस ( BABESIOSIS ) क्या है? बबेसिओसिस पालतू पशुओं में पाया जाने वाला एक घातक प्रोटोजोआ रोग है जो चीचड़ों ( ticks ) के द्वारा प्रोटोजोआ पैरासाइटस फैलाने से होता है । इसमें रोगी को तेज…

एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) का कारण, लक्षण एवं उपचार

एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) क्या है ? यह जुगाली करने वाले पशुओं का एक महत्वपूर्ण रिकेसियल रोग है जो एनाप्लाज्मा के कारण होता है । इस रोग में पशु काफी कमजोर हो जाता है तथा एनीमिया व पीलिया हो जाता है । यह मुख्य रूप से गाय , भेड़ व बकरियों में पाया जाता है…

लैश्मानिओसिस ( LEISHMANIOSIS ) का कारण, लक्षण एवं उपचार

लैश्मानिओसिस ( LEISHMANIOSIS ) क्या है ? यह पशु व मनुष्य में पाया जाने वाला एक प्रोटोजोआ रोग है जो visceral and cutaneous दो रूप में पाया जाता है । यह मुख्य रूप से मनुष्य व कुत्तों का रोग है लेकिन कभी कभी यह जंगली बिल्ली , भेड़िया , लोमड़ी , सेही , चूहे और…

पशुओं को निगलने ने कठिनाई यानी इसोफेजाइटिस ( OESOPHAGITIS ) के कारण लक्षण तथा उपचार

इसोफेजाइटिस ( OESOPHAGITIS ) क्या है ? OESOPHAGITIS – Inflammation of oesophagus and characterised by painful swallowing and regurgitation of food materials . इस रोग के इसोफेगस में दर्दयुक्त सूजन हो जाने से खाया हुआ आहार व पानी नाक द्वारा वापस बाहर आ जाता है । इसोफेजाइटिस ( OESOPHAGITIS )होने का कारण (ETIOLOGY) क्या है…

पशुओं में चोक (CHOKE) के कारण, लक्षण एवं उपचार

चोक (CHOKE) क्या है? Choke – Sudden obstruction of the oesophagus by food masses or foreign bodies and characterised by inability in swallowuing , regurgitation of food and water through nostrils and bloat in ruminants . खाये हुए आहार का गोला या कोई अन्य वस्तु इसोफेगस में फंस जाने से पशु सामान्य रूप से आहार…

पशुओं को होने वाले पेरोटाइटिस ( PAROTITIS ) का होमियोपैथीक उपचार

पेरोटाइटिस ( PAROTITIS ) क्या है ? पशुओं में parotid , mandibular and sublingual की एक – एक जोड़ी लार ग्रंथियां होती हैं लेकिन प्रायः इनमें पैरोटिड ग्लेण्ड ही प्रभावित होती है इसलिए इसे पैरोटाइटिस कहा जाता है जिसकी परिणति अक्सर एब्सेस में होती है । पेरोटाइटिस ( PAROTITIS ) होने का कारण(ETIOLOGY) क्या है?…