पूजा – कथा , आरती एवम् अन्य धार्मिक कार्य करते समय सनातनी ( हिन्दू ) लोग शंख फूंकते हैं , क्यों ? शंख फूंकने के पीछे सनातन धर्म की पूर्ण रूप से धार्मिक आस्था निहित है । अथर्ववेद , 4/10/2 के अनुसार शंख की ध्वनि जहाँ तक पहुँचती है वहाँ तक के राक्षसों का नाश…
Month: June 2021
उत्तर दिशा में सिर करके क्यों नही सोना चाहिए।
उत्तर दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए । क्यों ? क्योंकि सनातन धर्म की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मृतक का सिर उत्तर दिशा की ओर रहता है । वैज्ञानिक कारण – उत्तरी ध्रुव चुम्बकीय क्षेत्र का सबसे शक्तिशाली ध्रुव है । उत्तरी ध्रुव के तीव्र चुम्बकत्व के कारण , मस्तिष्क की शक्ति क्षीण हो…
पशुओं में टोक्सोप्लाज्मोसिस (TOXOPLASMOSIS) का लक्षण एवं होम्योपैथीक उपचार
टोक्सोप्लाज्मोसिस (TOXOPLASMOSIS) क्या है ? टोक्सोप्लाज्मोसिस एक परजीवी के कारण होने वाला संक्रमण है। इस परजीवी को टोक्सोप्लाज्मा गोंडी कहा जाता है| टोक्सोप्लाज्मोसिस (TOXOPLASMOSIS) का लक्षण क्या है ? टोक्सोप्लाज्मोसिस का शायद ही कभी निदान या रिपोर्ट किया जाता है क्योंकि स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वाले अधिकांश रोगियों में रोग के कोई लक्षण या लक्षण नहीं…
थैलेरिओसिस ( THEILERIOSIS ) का कारण, लक्षण एवं उपचार
Synonyms – East cost fever , Rhodesian tick fever . थैलेरिओसिस ( THEILERIOSIS ) क्या है ? यह मुख्य रूप से बछड़े , बछड़ियों व गायों में पाया जाने वाला रोग है । जिसमें पशु को तेज फीवर होता है , एनीमिया होता है , लिम्फ ग्रंथियों में सूजन आ जाती है तथा पशु कमजोर…
बबेसिओसिस ( BABESIOSIS ) का कारण, लक्षण एवं होम्योपैथीक उपचार
Synonyms- Tick fever , Piroplasmosis . Texas fever , Red water disease , Biliary fever , लाल पेशाब । बबेसिओसिस ( BABESIOSIS ) क्या है? बबेसिओसिस पालतू पशुओं में पाया जाने वाला एक घातक प्रोटोजोआ रोग है जो चीचड़ों ( ticks ) के द्वारा प्रोटोजोआ पैरासाइटस फैलाने से होता है । इसमें रोगी को तेज…
एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) का कारण, लक्षण एवं उपचार
एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) क्या है ? यह जुगाली करने वाले पशुओं का एक महत्वपूर्ण रिकेसियल रोग है जो एनाप्लाज्मा के कारण होता है । इस रोग में पशु काफी कमजोर हो जाता है तथा एनीमिया व पीलिया हो जाता है । यह मुख्य रूप से गाय , भेड़ व बकरियों में पाया जाता है…
लैश्मानिओसिस ( LEISHMANIOSIS ) का कारण, लक्षण एवं उपचार
लैश्मानिओसिस ( LEISHMANIOSIS ) क्या है ? यह पशु व मनुष्य में पाया जाने वाला एक प्रोटोजोआ रोग है जो visceral and cutaneous दो रूप में पाया जाता है । यह मुख्य रूप से मनुष्य व कुत्तों का रोग है लेकिन कभी कभी यह जंगली बिल्ली , भेड़िया , लोमड़ी , सेही , चूहे और…
पशुओं को निगलने ने कठिनाई यानी इसोफेजाइटिस ( OESOPHAGITIS ) के कारण लक्षण तथा उपचार
इसोफेजाइटिस ( OESOPHAGITIS ) क्या है ? OESOPHAGITIS – Inflammation of oesophagus and characterised by painful swallowing and regurgitation of food materials . इस रोग के इसोफेगस में दर्दयुक्त सूजन हो जाने से खाया हुआ आहार व पानी नाक द्वारा वापस बाहर आ जाता है । इसोफेजाइटिस ( OESOPHAGITIS )होने का कारण (ETIOLOGY) क्या है…
पशुओं में चोक (CHOKE) के कारण, लक्षण एवं उपचार
चोक (CHOKE) क्या है? Choke – Sudden obstruction of the oesophagus by food masses or foreign bodies and characterised by inability in swallowuing , regurgitation of food and water through nostrils and bloat in ruminants . खाये हुए आहार का गोला या कोई अन्य वस्तु इसोफेगस में फंस जाने से पशु सामान्य रूप से आहार…
पशुओं को होने वाले पेरोटाइटिस ( PAROTITIS ) का होमियोपैथीक उपचार
पेरोटाइटिस ( PAROTITIS ) क्या है ? पशुओं में parotid , mandibular and sublingual की एक – एक जोड़ी लार ग्रंथियां होती हैं लेकिन प्रायः इनमें पैरोटिड ग्लेण्ड ही प्रभावित होती है इसलिए इसे पैरोटाइटिस कहा जाता है जिसकी परिणति अक्सर एब्सेस में होती है । पेरोटाइटिस ( PAROTITIS ) होने का कारण(ETIOLOGY) क्या है?…