
- दूध और कटहल कभी एक साथ सेवन नहीं करना चाहिए ।
- दूध और कुलथी भी कभी एक साथ नहीं लेना चाहिए ।
- नमक और दूध ( सेंधा नमक छोड़कर ) , दूध और सभी प्रकार की खटाइयां ( आंवला को छोड़कर ) , दूध और मूंगफली एक साथ प्रयोग न करें ।
- दही गर्म करके नहीं खाना चाहिए हानि पहुँचती है , कढ़ी बनाकर रखा सकते हैं ।
- शहद और घी समान मात्रा में मिलाकर लेना जहर के समान है ।
- जौं व गेंहू का आटा कोई अन्न मिलाये बिना नहीं खाना चाहिए ।
- रात्रि के समय सत्तू का प्रयोग वर्जित है । बिना जल मिलाये सत्तू न खायें ।
- तेज धूप में चलकर आने के बाद थोड़ा आराम करके ही पानी पियें ।
- व्यायाम या शारीरिक परिश्रम के तुरन्त बाद पानी न पियें या थोड़ी देर बाद पानी पियें । भोजन के प्रारम्भ में और अंत में पानी पीना वर्जित है ।
- प्रात : काल भोजन के पश्चात तेज गति से चलना हानिकारक है ।
- शाम को खाने के बाद थोड़ी देर चलना आवश्यक है । खाना खाकर तुरन्त सो जाना हानिकारक है ।
- रात्रि में दही का सेवन निषिद्ध है । दिन में भोजन के बाद मट्ठा और रात्रि में भोजन के डेड़ – दो घंटे बाद देसी गाय का दूध लेना लाभदायक होता है ।
- शौच क्रिया के बाद , भोजन से पहले , सर्दी – जुकाम होने पर , दांतों में आंव आने पर , और पसीना आने की दशा में पान का सेवन नहीं करना चाहिए ।
- सिर पर अधिक गर्म पानी डालकर स्नान करने से नेत्रों की ज्योति कम होती है । जरूरत पड़ने पर गुनगुने पानी से स्नान कर सकते हैं ।
- सोते समय सिर पर कपड़ा बांधकर सोना , पैरों में मोजे पहनकर सोना , अधिक कपड़े पहनकर सोना हानिकारक है ।
- शहद कभी भी गरम करके न खायें । छोटी मक्रवी का शहद सर्वोत्तम होता है ।
- बुखार / तेज ज्वर आने पर तेज हवा , दिन में अधिक देर तक सोना , अधिक परिश्रम , स्नान , क्रोध आदि से बचना चाहिए ।
- छोटे बच्चों के नहाने से आधे घंटे पहले शुद्ध घी , तेल से मालिश करें ।
- उपवास करने से ज्वर शांत होता है ।
- 16 अधारणीय वेग हैं ये वेग आ रहे हो तो इन्हे कभी नहीं रोकना चाहिए रोकने पर शरीर में कई रोग आते हैं और जबरदस्ती करने पर भी रोग आते हैं । 1. हंसी 2. डकार 3. मल 4. मूत्र 5. छींक 6. प्यास 7. भूख 8. नींद 9. खांसी 10. काम 11. जम्हाई 12. आँसू 13. उल्टी 14. वीर्य वेग 15. पसीना 16. पाद चुस्त
सूर्योदय से सूर्यास्त तक हमारी दिनचर्या कैसी हो । Daily Routine for Health