
सामान्य बदहजमी ( SIMPLE INDIGETION ) क्या होता है?
इस रोग में रूमन के मुवमेन्ट कम हो जाने से एनिमल सामान्य रूप से खाता नहीं है तथा कब्ज रहती है ।
सामान्य बदहजमी ( SIMPLE INDIGETION ) होंने का कारण क्या है ?
ETIOLOGY
- दुधारू पशुओं में यह अधिक होता है ।
- घटिया क्वालिटी का चारा ( roughase ) आहार में प्रोटीन की कमी तथा सड़ा – गला व फफूंद लगा हुआ आहार खिलाना ।
- अधिक गर्म या अधिक ठंडा आहार देना ।
- अधिक मात्रा में सिर्फ दाना ( grains ) खाना ।
- पशु आहार में एकाएक बदलाव लाना ।
- अधिक दिनों तक या अधिक मात्रा में सल्फा या अन्य एंटिबायोटिक्स देना ।
सामान्य बदहजमी ( SIMPLE INDIGETION ) का लक्षण क्या है ?
SYMPTOMS
- पशु दाना – चारा कम खाता है । ( appetite ) जुगाली कम करना ।
- रूमन के सामान्य मुवमेन्ट कम होने से कब्ज ( constipation ) रहती है ।
- पशु सुस्त रहता है ( dullness ) तथा दूध में भी थोड़ी कमी आ जाती है ।
- गोबर मिंगने ( hard ) के रूप में बंधा हुआ व कम आता है , लेकिन यदि सड़ा हुआ चारा दिया गया है तो कभी – कभी दस्त भी हो सकते हैं ।
- न कम , न ज्यादा , हल्की टिम्पेनी ( moderate tympany ) |
- टेम्प्रेचर , पल्स , रेस्पिरेशन – नॉर्मल ।
- सिम्पल इन्डाइजेशन में पशु स्वतः ही दो दिन में सामान्य हो जाता है तथा इसके कारण मौत नहीं होती है ।
सामान्य बदहजमी ( SIMPLE INDIGETION ) का उपचार क्या है ?
TREATMENT
प्रायः इसमें एसिडोसिस होता है , रूमन की pH गड़बड़ा जाती है इसलिए ऐसी दवाइयां दी जाती है जो pH को सामान्य कर सकें तथा एसिडोसिस कम हो जाए
( 1 ) stomachic powder
Mag . sulph .
Sod.Chlor.a.a .
Pulv nuxvomica
Pulv gention a.a.
Treacle q.s. , mft . elect .
( 2 ) Stomachic powder – 30 gm.
Sodabicarb Tab . – 30 gm.
Rumenton / Anorexon. – 2 Tab , B.D.
Treacle. – q.s. mft . elect .
( 3 ) Inj . Calcium borogluconate – 50 ml , S / C
- ऊँट में किसी भी तरह के स्टोमेकिक पाउडर या दवा को घोलकर पिलाएं ।
- किसी भी पशु को 5. दिन से अधिक . 30 gm . . 30gm . . नहीं दें अन्यथा यह पशु की आदत बन जाती है और लम्बे समय तक प्रयोग से एल्केलोसिस हो जाता है । एल्केलोसिस हो जाने पर 50 % acetic acid – 450 ml orally दें।
सामान्य बदहजमी ( SIMPLE INDIGETION ) का होम्योपैथीक Homeopathic दवा :-
कारण– जरूरत से ज्यादा मात्रा में खाना , सड़ा हुआ , फफूंद लगा हुआ , दूषित अधिक अपाच्य चारा खाना , अधिक मेहनत और पेट के कीड़े हाने पर ।
लक्षण– चारा दाना नही खाना , भूख नहीं लगना , सुस्त , रूमन का मूवमेन्ट नॉर्मल नही होना , पेट में हल्की गैस बनना , कभी दस्त कभी मींगने जैसा गोबर , कभी अधपचा चारा गोबर के साथ निकलना , गोबर में बदबू , पशु निरन्तर कमजोर होता जाता है ।
- नक्सवोमिका ( Nux vomica ) – जब डंठल युक्त सूखा अपाच्य चारा अधिक खाने से कब्ज हो , गोबर कम या कड़ा हो तो 5 बूंद दिन में तीन बार ।
- सल्फर ( Sulphur ) – जब रोग के लक्षण नक्स जैसे हो तो नक्स के साथ सल्फर देने से अधिक फायदा होता है । इसके लिए रात को नक्स तथा सुबह सल्फर दें ।
- आर्सेनिकम ( Arsenicum ) – जब दस्त हो , दस्त के साथ ब्लड भी आता हो तथा लम्बे समय से भूख नहीं लग रही हो । 5 बूंद दिन में तीन बार दें ।
- चायना ( China ) – जब पशु छोटी उम्र का हो , पेट में कीड़े होने से कब्ज व भूख नहीं लगती हो तो 5 बूंद दिन में तीन बार दें ।
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