शरीर के जोड़ो में सूजन के साथ दर्द हो तथा समय पर उचित इलाज नहीं हो तो जोड़ो में रोग की जटिलता बढ़ती जाती है और बाद में पशु का चलना फिरना मुश्किल हो जाता है ।

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रूमेटिज्म का होमिपैथी उपचार । HOMEOPATHIC MEDICINE OF RHEUMATISM :–
- एकोनाइट ( Aconite ) व ब्रायोनिया ( Bryonia ) :– एकोनाइट शुरूआती अवस्था में दें । यदि जोड़ों में दर्द के साथ , गर्माहट , बुखार रहे तो एकोनाइट के साथ ब्रायोनिया दे सकते हैं ।
- बेलाडोना ( Belladonna ) :– पैरों में सूजन हो तथा चलते समय पशु लड़खड़ाता हो , दिन में दो बार दें ।
- रस टॉक्स ( Rhus Tox ) :– आराम के बाद पशु चलता हो तो पैरों में अधिक अकड़न ( stiffness ) हो , पशु को चलने फिरने में तकलीफ हो । दिन में तीन बार एक सप्ताह तक दें ।
- सल्फर ( Sulphur ) :– इसे रोग की किसी भी स्थिति में दे सकते हैं । इसे अन्य दवा के साथ देने पर अधिक लाभ होता है । रूमेटिज्म में सल्फर तब भी दी जा सकती है जब रूमेटिज्म के तेज लक्षण किसी अन्य दवा से कम हो गये हो या मिट गये हो लेकिन मौसम के बदलाव के साथ ही वापस प्रकट हो गये हों । सल्फर को एक्युट तथा क्रोनिक रूमेटिज्म दोनों में दे सकते हैं लेकिन किसी अन्य के साथ देने से लाभकारी अधिक है । यदि किसी अन्य दवा से रोग के लक्षण गायब हो जाय और मौसम के बदलाव के बाद फिर प्रकट हो जाये तो पहले सल्फर दे फिर वह दवा वापस दें ।
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