
- इग्नेशिया 30 : नर्वस प्रेम में निराश , असफलता के कारण दुःखी , एकान्त में रहना चाहता है ।
- ब्यूफोराना 30 : रोगी एकान्त में रहना चाहता है , ताकि वह हस्तमैथुन कर सके ।
- स्ट्रामोनियम 30 : रोगी एकान्त में रह नहीं सकता , वह अंधेरे में एकदम नहीं रह सकता । हमेशा रोशनी में रहना चाहता है ।
- इग्नेशिया 30 : रोगी अपने सामर्थ्य से बड़े विषय पर चिन्ता करते हैं , असफलता पर दुःखी होते हैं और वह एकान्त में रहना चाहते हैं ।
- आर्सेनिक आल्ब 30 : रोगी मानसिक या शरीरिक कष्ट भोगते भोगते थक गया हो , बेचैन , घबराहट , जलन , प्यास ज्यादा लगे , परन्तु पानी थोड़ा पिये , गरम प्रयोग अच्छा लगता है ।
- कल्केरिया कार्ब 30 : रोगी को अपना जीवन अन्धकारमय दिखाई देता है । हर कहीं निराशा ही हाथ लगती है , अपनी बुद्धि फेल होने का डर । इन विचारों के साथ रोगी यदि मोटा या थुलथुला हो तो दवा रामबाण समझें ।
- आरम मेट 30 : हृदय का रोगी , अकेले में रहना नहीं चाहते । मन में बार – बार आत्महत्या का विचार उठे ।
- सल्फर 30 : चर्म रोग का इतिहास , अपने का महान समझता है , फटे – पुराने , मैले , कुचले वस्त्र भी अच्छा लगता हो । यह दवा ज्यादा उच्च शक्ति में न दें ।
- प्लाटिना 200 : घमण्ड , दूसरे को तुच्छ व अपने को महान समझना । कामवासना ज्यादा , आत्महत्या का विचार ।
- कोलोसिन्थ 30 : रोगी अपने मित्रों से मिलना – जुलना नहीं चाहते , लोगों से दूर रहना अच्छा लगता है । एकान्त में रहना चाहता है ।
- क्यूप्रम मेट 30 : दमे का या दौरे का रोगी किसी से मिलना नहीं चाहते । स्त्रियों की मासिक धर्म के समय श्वासकष्ट हो , किसी से बात करना नहीं चाहती , अकेले में रहना चाहती है ।
- नेट्रम म्यूर 30 : रोगी नमकीन चीजें ज्यादा खाता है , गर्भावस्था में किसी से मिलना – जुलना नहीं चाहती , एकान्त में रहना चाहता है ।
- नाइट्रिक एसिड 30 : रोगी चाक , मिट्टी , कोयला खाये बगैर नहीं रह सकता ।
- साइक्यूटा 30 : कोयला खाने का मन करना , कोयला चबाते रहना ।
- टरेण्डुला हिस्पानिया 30 : गर्भावस्था में राख या रेत खाने की प्रबल इच्छा । इस बुरी आदत को समझते हुये खाते रहती है ।
- एलूमिना 30 : चाक , मिट्टी , चाय , काफी , अचार , चटनी खान चाहती है , कठिन कब्ज ।
सेवन करने की विधि:- 30 पोटेंसी की दवा 4 बून्द 3 बार । तथा 200 पोटेंसी की दवा 2 बून्द 3 बार प्रतिदिन।