जिस समय किसी को मिरगी का दौरा पड़ गया तो निम्नलिखित मंत्र लिखकर उसके कण्ठ में बांध देवें उसका कष्ट दूर हो जाएगा ।
मंत्र
हलहल सरगत मडिका पुड़िया श्रीराल फूकै मिरगो वायु सूखी ओं ठहः ठहः स्वाहा ॥
अमृत वचन। महामृत्युंजय मंत्र एवं भवार्थ। आग पैदा करने का मंत्र एवं बिधी