
भोजन के उपरान्त घूमना , टहलना चाहिए अथवा बिस्तर पर लेटकर आराम करना चाहिए ।
भोजन ग्रहण करने के पश्चात् कम से कम सौ से पाँच सौ कदम चलना अति आवश्यक है । चलने से भोजन यदि आहारनाल में कही थोड़ा बहुत फंसा भी होता है तो वह आसानी से पेट में पहुँच जाता है । जबकि सोने से उसी स्थान पर रुका रह जाता है । भोजन करके आहार नाम में कभी – कभी समस्या भी उत्पन्न हो जाती है । भोजन करके तुरन्त सोने से कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो सकते हैं और बैठे रहने से पेट बढ़ जाता है ।

भोजन के तुरन्त बाद पानी पीना चाहिए या नहीं ?
भोजन के ( 30 मिनट ) पहले पानी पीना अमृत समान है और भोजन के बाद पानी पीना विष के समान है , अतः भोजन करने के 1 घंटे पश्चात् ही पानी पियें । वैज्ञानिक कारण- भोजन करने के पश्चात् शरीर में एक प्रकार की ऊष्णता ( गर्मी ) का अनुभव करते हैं । ऐसा क्यों ? क्योंकि अन्न में गर्मी होती है और वह गर्मी पेट में भोजन के माध्यम से पहुँचती है । जठराग्नि उस भोजन को पचाने के कार्य में लग जाती है तथा अन्न की गर्मी से उत्पन्न गैस अपने मार्गों से बाहर निकलती है जबकि तुरन्त बाद पानी पीने से निकलने वाली ऊष्णता पानी की शीतलता से दब जाती है और बाद में अनेक प्रकार के विकार रोगों के रूप में उत्पन्न होते हैं ।
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