
- प्रथम अवस्था में जब दाने लाल हों , दर्द , सूजन , व जलन हो । – बैलाडोना ३० , दिन में ३-४ बार
- जब मवाद बनना शुरू हो जाए । – मर्क सौल ३० , दिन में ३-४ बार
- असहनीय दर्द हो । यदि फोड़ा ठीक से पका न हो । रोगी अति संवेदनशील हो । – हिपर सल्फ 3X , हर २ घंटे बाद
- जब फोड़ा बैठने की स्थिति में हो । – हिपर सल्फ २०० या 1M , की २ – ३ खुराक
- फोड़े की मवाद निकालनी हो तो । ठण्डी प्रकृति के रोगी के लिए । – साइलिशिया 12X या ३० , दिन में ३-४ बार
- छोटे – छोटे अत्यधिक दाने जैसे कोई घनी फसल उगी हो । – आर्निका ३० , दिन में 3 बार
- मवाद निकल जाने के बाद फोड़ा सुखाने के लिए । – कैल्कोरिया सल्फ 6X , दिन में 3 बार
- मसूड़ों में दांतों की जड़ों में फोड़ा । – मर्क सौल ३० , दिन में ४ बार
- यदि फोड़े – फुन्सियों में जलन ज्यादा हो , बेचैनी हो । – आरसेनिक ६ या ३० , दिन में ३ बार
- जब फोड़े – फुन्सियां बार बार हों । – सल्फर ३० , दिन में ३ बार
- आप Bakson Sarsa aid blood purifier for acne, boils, skin rashes, blemishes, mild eczema को भी यूज़ कर सकते हैं क्योंकि यह बहुत जो लाभदायक है।

बाह्य प्रयोग के लिए कैलेन्डुला Q , व इचिनेशिया Q गर्म पानी में मिला कर प्रयोग करें ।।
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