फोड़ा फुन्सी का आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार। Fode Funshi ka home treatment

फोड़े फुन्सी क्यों निकलते हैं?

खून में विकार होने से फोडे फुन्सी निकलते हैं । वर्षा ऋतु में अधिक आम खाने से या गंदे पानी में घुमने से फोड़े फुन्सी निकलते हैं । फुन्सीयां पहले लाल रहती है । फिर उन में दर्द भी रहता है कभी – कभी इनमें मवाद और गंदा खून भी भर जाता है । और अधिक जलन और खुजली भी होती है ।फोड़े-फुंसी {Boils} जड़ से खत्म

फोड़े फुन्सी का घरेलू उपचार :-

  1. गाजर का रस फोडे – फुन्सीयों पर लगाने से काफी आराम मिलता है ।
  2. लौंग को चंदन के साथ घिसकर लगाने से फुन्सियों में लाभ होता है ।
  3. आटे में हल्दी और देशी गाय का घी मिलाकर पुल्टीस बांधने से फोडे – फुन्सी जल्दी पक जाते हैं और मवाद निकल जाता है ।
  4. थोड़ी हल्दी को शहद में मिलाकर चाटने से भी फोड़े – फुन्सी में आराम मिलताहै ।
  5. सरसों के तेल मेंजरासी हल्दी और केलेकी जड़का पाउडर मिलाकर लगायें ।
  6. चंदन घिसकर लगाने से भी फुन्सीयों में आराम मिलता है ।
  7. मेहंदी के उबले हुये पानी को फुन्सीयों पर लगाने से आराम मिलेगा ।
  8. थोड़ा सा बथुआ , थोड़ी सौंठ और जरा सा नमक तीनों को पीसकर मिलायें फिर काली मिट्टी में मिलाकर फोड़े – फुन्सियों पर लेप करें।
  9. अंगुर की पत्तियों का रस फोडे – फुन्सियों पर लगायें ।
  10. करेल का रस फुन्सियों पर लगाने से भी आराम मिलता है ।
  11. अनन्नास का गुदा लगाने से भी आराम मिलता है ।
  12. फोडे – फुन्सियों पर लौंग घिसकर लगाने से भी आराम मिलता है ।
  13. लौंग और हल्दी दोनों को मिलाकर लगाने से भी आराम मिलता है ।
  14. नीम की पत्तियों की पुल्टीस बांधने से तथा नीम की छाल का पानी लगाने से फोडे – फुसी जल्दी ठीक हो जाते हैं ।
  15. करंज , नीम और निरगुंडी की छाल को पीसकर फोड़े – फुन्सियों पर लगायें ।
  16. नीम की पतियाँ, हींग और लहसुन – इनको सिल पर पीसकर फोडे फुन्सियों पर लगाये ।
  17. जौ का आटा , मुलहठी , देशी घी – तीनों को मिलाकर मरहम की तरह फोडे – फुन्सियों पर लगायें ।
  18. गाजर , पालक और बथुये का रस बराबर मात्रा में मिलाकर फोडे फुन्सियों पर लगायें ।
  19. नीम की छाल की भस्म को बहुत पकने वाले फौड़ा पर लगाने से आराम होता है ।
  20. कोल को महीन पीस कर घाव पर भुरका ने से रुधिर बन्द होता है ।
  21. विगड़े घावों पर नीम का तेल लगाने से आराम होता है ।
  22. पुराने घाव व फोड़ों पर वेर की छाल का चूर्ण भुरकाने से ठीक होते हैं ।

फोड़े फुन्सी का आयुर्वेदिक उपचार :-

  1. वेर के पत्ते और नीम के पत्ते पीस कर वांधने से नासूर मिटता है ।
  2. खरैटी की जड़ को कबूतर की वीट के साथ पीस कर लेप करने से फुन्शियां मिटती हैं ।
  3. खरंटी के पत्तों को तेल चुपड़ अग्नि में तपा कर बांधने से फोड़े जल्दी पक जाते हैं ।
  4. भोज पत्र की छाल के क्वाथ से धोने से जहरी छाला तथा घाव शुद्ध होकर मिट जाते हैं ।
  5. स्त्री के स्तन की बीटली के घाव पर या बीटल तड़क गई हो उस पर चूने को पानी लगा ने से आराम होता है ।
  6. चूना और घी मिला कर उठते हुए फोड़े पर लगाने से वह नहीं बढ़ता है ।
  7. पीप या घाव भरने के लिये चूना और साबुन महीन पीस कर लगाना चाहिये ।
  8. जिस दिन फोड़ा उठे उसी दिन चूने को तेल में मिला लगाने से बैठ जाता है ।
  9. मेंहदी के पत्ते पीसकर लगाने से फोड़े ठीक हो जाते हैं ।
  10. किसी फोड़े को पकाने के लिये गुवार पाठा के गिर को पका कर वांधना चाहिये ।
  11. बिगड़े हुए तोड़े पर गाजर का पुल्टिश बांधना ठीक है ।
  12. अलसी का पुल्टिश बांधने से फोड़े शीघ्र पकते हैं ।
  13. एरंड काकड़ी के दूधिया रस का लेप करने से गाठ बिखर जाती है ।
  14. नीला थोथा को पीस कर घाव पर भुरकाने से रुधिर का वहना बन्द होता है ।
  15. रसौत का लेप करने से भरा निगला फोड़ा अच्छा हो जाता है ।
  16. सुहागा के जल में कपड़ा भिगो कर घाव पर व धने से रुधिर वहना वन्द होता है ।
  17. चौलाई के पत्तों की पुल्टिस वांधने से फोड़े जल्दी पकते हैं ।
  18. सांटी के जड़ की पुल्टिस बांधने से फोड़े जल्दी फूट जाते हैं ।
  19. एक तोला कथा , आधा तोला कपूर और तीन मासा सिन्दूर तीनों को पीस छान कर सौ वार धुले हुए छटांक घी में मिला कर खूब मथो और उस जगह लगादो । इसके लगाने से फौरन ठंडक होती जाती है ।
  20. नीम के पत्तों को घी में भून लो फिर इस घी में मोम पिघला दो । पहिले घाव को नीम के औटाये पानी से धोवो और पीछे यह महलम लगायो ।
  21. शहद और शराब को मिला कर लेप करने से घाव भर जाता है ।
  22. सनाय और नमक का चूरन बनाकर रात को सोते वक़्त गरम पानीसे खा लेना चाहिए ।
  23. वालकों की फुन्सियों पर : फ्रेंच चाल्क को लेकर कूट पीस लो फिर उसमें थोड़ा सा गुलाबी रग और थोड़ी सी वोरिक एसिड डाल कर किसी चिनी की डिविया में भर कर रख लो । यह चीज़ बाजारों में बहुत विका करती हैं ।

फोड़े को ही विद्रधि कहा जाता है । विद्रधि को बिना पके शीघ्र बैठाने के लिए क्रमशः निम्न औषधियों का सेवन करें ।

1. सहजन की जड़ का लेप और सेंक करें ।

2. जौ , गेहूं और मूंग इन्हें घी में पीसकर लेप करें ।

3. खस , चन्दन और मुलहठी को दूध में पीसकर लेप करें ।

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