
पेरोटाइटिस ( PAROTITIS ) क्या है ?
पशुओं में parotid , mandibular and sublingual की एक – एक जोड़ी लार ग्रंथियां होती हैं लेकिन प्रायः इनमें पैरोटिड ग्लेण्ड ही प्रभावित होती है इसलिए इसे पैरोटाइटिस कहा जाता है जिसकी परिणति अक्सर एब्सेस में होती है ।
पेरोटाइटिस ( PAROTITIS ) होने का कारण(ETIOLOGY) क्या है?
- किसी अन्य पशु द्वारा काटने के घाव , बाहरी चोट के कारण ।
- लार ग्रंथि में कोई स्टोन ( salivary calculi ) बन जाना । विटामिन – ए की कमी । यह एक प्रमुख कारण ।
- ब्लड के जरिए हुए किसी इन्फेक्शन का पेरोटिड ग्रंथि में जम जाना ।
पेरोटाइटिस ( PAROTITIS )के लक्षण ( SYMPTOMS ) क्या हैं ?
- कम खाना , तेज बुखार ।
- प्रायः एक ओर की पेरोटिड ग्लैण्ड ही प्रभावित होती है । लेकिन दोनों भी हो सकती है ।
- Hot , painful swelling – सूजन कान व जबड़े तक फैल जाती है ।
- कान का आधार भी सूजकर मोटा हो जाता है ।
- पशु सिर व गर्दन को सीधे रखता है , चारा चबाने में तकलीफ होती है ।
- इन्फेक्शन में एब्सेस बन जाती है जिसे ओपन करने पर कम हो जाती है ।
- इस दौरान पेरोटिड ग्लेण्ड की कार्यप्रणाली तो सामान्य रहती है ।
- कभी – कभी फिस्चुला बन जाता है और लार गर्दन वाले भाग में इकट्ठी हो जाती है ।
पेरोटाइटिस ( PAROTITIS ) का उपचार (TREATMENT) क्या है?
- Acute inflammation – Cold fomentation
- Chronic inflammation – Hot fomentation
- Paranchymatous parotitis ( actue inflammation )
– Inj . Tetracycline for 5days I / M .
-Dont’s apply any local ointment .
- Suppurative parotitis ( Chronic inflammation )
– Apply- iodine ointment and hot fomentation
– Immature abscess को ओपन नहीं करें ।
-Mature होने पर ओपन करें और पांच दिन तक ड्रेसिंग करें ।
-Broad Spectrum Antibiotics for 5 days
-Antinflammatory for 3 days
– If salivary fistula – Cauterise with carbolic acid .
पेरोटाइटिस ( PAROTITIS ) के होम्योपैथीक दवा क्या है ?
- बेरिटा कार्बोनिका ( Baryta Carbonica ) – छोटे बछड़ों में यह रोग होने पर दिन में दो बार पांच दिन तक दें ।
- बेलाडोना 1000 ( Belladonna 1M ) – जब पेरोटाइटिस में सूजन के साथ त्वचा गर्म हो , सूजन कठोर हो तो बेलाडोना हर घंटे चार – पांच बार दें ।
- हिफर सल्फ ( Hepar Sulph ) – ग्लेण्ड की सूजन के साथ तेज दर्द हो तथा मवाद बननी शुरू हो गई हो ।
- पल्सेटीला ( Pulsatilla ) – जब दाहिने साइड की पैरोटिड ग्लैण्ड में सूजन हो तो दिन में दो बार चार दिन तक दें ।
- फायटोलेका ( Phytolacca ) – जब पेरोटिड ग्लेण्ड में कठोर सूजन हो , मवाद नहीं बनी हो तथा आस पास की दूसरी ग्लेण्ड्स भी प्रभावित हो सकती है तो पांच बूंद दिन में तीन बार तीन दिन तक दें ।
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