
चोक (CHOKE) क्या है?
Choke – Sudden obstruction of the oesophagus by food masses or foreign bodies and characterised by inability in swallowuing , regurgitation of food and water through nostrils and bloat in ruminants .
खाये हुए आहार का गोला या कोई अन्य वस्तु इसोफेगस में फंस जाने से पशु सामान्य रूप से आहार नहीं निगल पाता है तथा रूमिनेन्ट पशुओं के नथूनों से खाया हुआ आहार ( Ingesta ) बाहर निकलता है ।
पशुओं में चोक (CHOKE) का कारण (ETIOLOGY) क्या है?
विभिन्न प्रजाति के पशुओं में चोक के कारण भी अलग होते हैं ।
#HORSE
- पशु द्वारा अधिक मात्रा में सूखा दाना ( dry grains ) खाने से ।
- चारे का गोला , आलू , सेव , आम की गुठली आदि इसोफेगस में फंस जाने से ।
- बुढ़े घोड़ों में मुंह में ( irregular molars ) के कारण चारा पूरी तरह नहीं चबा पाना ।
#Cattle
- लकड़ी का टुकड़ा , गेंद , पुराना जूता , आलू , गोभी , आम की गुठली , तरबूज आदि चीजें निगलते समय इसोफेगस में फंस जाने से ।
#DOG AND CAT
- हड्डी के टुकड़े , मछली का कांटा , सुई , रबड़ की गेंद , खिलौना , मांस का बड़ा टुकड़ा आदि फस जाने से ।
पशुओं में चोक (CHOKE)के लक्षण(SYMPTOMS)कौन से होते हैं?
अलग – अलग प्रजाति के पशुओं के इसोफेगस में चोक होने के खास स्थान भी अलग – अलग होते हैं । प्रायः चोक प्रमुख तीन जगह पर होता है ( i ) Oropharynx – pharynx के थोड़ा पीछे ( ii ) Cervical part of oesophagus .( iii ) Thoracic part of oesophagus .
गाय – भैंस में लक्षण ( Cattle ) –
- गायों व भेंसों में एक्युट चौक होता है जो अचानक होता है ।
- चोक लरिक्स के थोड़ा आगे यानी सर्वाइकल भाग में होता है जो बाहर से भी इसोफणेस पर उभरा हुआ देखा जा सकता है ।
- पशु खाना छोड़ देता है तथा बैचेन हो जाता है । जीभ कुछ बाहर आ जाती है तथा लार अधिक गिरती है ।
- सिर व गर्दन सीधी तनी हुए अवस्था में इधर उधर घुमाना , हांफने जैसी तेज बेचैनी ।
- गंभीर टिम्पेनी के कारण फ्लेक भाग ढोल की तरह ऊपर उठा हुआ होता है ।
Chronic Symptoms of Choke
- शुरूआत में रूमन की गति बढ़ जाती है , जो बाद में कम हो जाती है और आखिर में बिल्कुल बंद हो जाती है ( ruminal atony )
- पशु पानी या पतला आहार ही निगल पाता है ।
- इस अवस्था में प्रोबेंग या स्टोमक ट्युब नहीं डालें ।
- Dog – एक्स – रे , बेरियम मील द्वारा कोन्ट्रास्ट रेडियोग्राफी
घोड़ा (Horse )-
- चोक thoracic in let पर होता है | यह इसोफेगस का वह भाग होता है जो स्टोमक में खुलता है । चुंकि इस भाग पर थोड़ा मोड़ होता है इसलिए कोई भी बड़ी वस्तु यहां आसानी से फंस जाती है । यह इसोफेगस का आखरी भाग होता है इसलिए बाहर से देखा भी नहीं जा सकता है ।
- इसके लक्षण गाय – भैंस के जैसे ही होते हैं । घोड़े की प्रक ति कुछ उग्र होती है इसलिए यह चोक को जोर से निगलने की कोशिश करता है ।
- पूरी तरह रूकावट से घोड़ा जमीन पर लेटता है , उठता है और पैर पटकता है । कॉलिक जैसे लक्षण नजर आते है । सांस में काफी तकलीफ होती है ।
कुत्ता (Dog) –
- अधिक लार गिरना , बार – बार उल्टी की कोशिश करना ( उबकाई लेना )
- फसी हुई चीज को ताकत से बाहर निकालने की कोशिश करना ।
- आहार , दवा आदि मुंह व नाक द्वारा वापस बाहर आ जाता ( regurgitation ) जबकि गाय , भैंस में रिगर्जिटेशन सिर्फ नाक द्वारा ही होता है ।
पशुओं में चोक (CHOKE) का (Treatment)उपचार क्या है?
चोक का इलाज पशुचिकित्सक की सोच , समझ , अनुभव व कुशलता पर भी काफी निर्भर करता है । इसका इलाज यानी इसोफेगस में फंसी हुई वस्तु यानी चोक की प्रकृति के अनुसार ही करना चाहिए ।
Cattle-
- इसके लिए चोक के स्थान पर बाहर से मालिश कर फसी हुई , वस्तु खिसकाया जा सकता है । चोक में यदि गंभीर टिम्पेनी है , तो पहले इसे कम करने की कोशिश करनी चाहिए । इसके लिए मोटी 3-4 hypodermic needles को रूमन में लगानी चाहिए ताकि जल्दी ही गैस कम हो और पशु की बैचेनी कम हो सके , क्योंकि चोक में पशु को ज्यादा परेशानी टिम्धेनी के कारण ही होती है । Inj . Atropine Sulphate 30-60 mg S/C or 1/M
- चुंकि गाय – भैंस में चोक लेरिक्स के पास ही होता है इसलिए पशु के मुंह में लकड़ी की माउथ गैग लगाकर हाथ से ही बाहर निकाल सकते है ।
- स्टील के तार का लूप बनाकर या वल्सेलम फॉरसेप से पकड़कर भी चोक को बाहर निकाला जा सकता है ।
- इन प्रयासों से भी यदि वस्तु बाहर न निकल पाए तो प्रोबेंग या स्टोमक ट्युब हल्के ढंग से पास करना चाहिए , ताकि वस्तु आगे स्टोमक तक खिसक जाए । लेकिन ध्यान रहे अधिक ताकत लगाने से इसोफेगस को नुकसान हो सकता है ।
- सारे प्रयास विफल होने पर सर्जरी द्वारा वस्तु को बाहर निकाला जाता है ।
घोड़ा (Horse)-
- Inj . Atropine sulphate – S / C or I / M यह लार कम करता है ।
- यदि चोक दाने या चारे के गोले के कारण है तो यह नरम पड़ते ही अपने आप आगे स्टोमक में उतर जाता है जो कुछ घंटों से लेकर कुछ दिन भी लगा सकता है ।
- स्टोमक ट्युब या प्रोबेंग पास करें ।
- पशु को चारा – दाना नहीं खिलाएं लेकिन पानी दे सकते हैं ।
- घोड़ों में चोक गाय – भैंस की तरह गंभीर व जानलेवा नहीं होता है इसलिए मौत से बचाने के लिए तुरंत किए जाने वाले प्रयास इसमें नहीं करें , जैसे ट्रोकार केन्युला डालना ।
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