
नेत्र शोथ ( Conjunctivitis ) किसे कहते है ?
कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) को आमतौर पर ‘आँख आना‘ या PINK EYE कहते है।
आंख के ऊपरी भाग की श्लेष्मिक झिल्ली में सूजन आ जाने को नेत्र शोथ कहते हैं ।
नेत्र शोथ ( Conjunctivitis ) का लक्षण क्या है ?
लक्षण : आंख के सफेद हिस्से का लाल हो जाना , पानी गिरना , आंख में जलन व करकराहट , पपड़ी जमना , रोशनी सहन न होना , हल्का बुख़ार , आदि ।
नेत्र शोथ ( Conjunctivitis ) या आँख आने का होम्योपैथीक दवा कौन है?
- प्रथम अवस्था में जब खुश्क ठण्डी हवा लगने से आंखों से अत्यधिक पानी आए । चिन्ता एवम् बेचैनी हो । :- एकोनाइट 30, दिन में 4 बार
- जब आंखों में लाली व दर्द बढ़ जाए और रोगी को रोशनी अच्छी न लगे । :- बैलाडोना ३० , दिन में ४ बार
- आंखों से जलन पैदा करने वाला स्राव , नाक से बहुत पनीला साव , आंखों से हर समय पानी आए । :- यूफ्रेशिया ३० , दिन में ४ बार
- जब आंखों से गाढ़ा पीला स्राव आने लगे , खुली ठण्डी हवा में अच्छा लगे । प्यास कम हो । :- पल्साटिला ३० , दिन में ४ बार
- दानेदार नेत्र शोथ ( granular conjunctivitis ) । आंख का अन्दरूनी भाग लाल एवम् सूजा हुआ । गर्म कमरे में रोशनी न सुहाए । :- अर्जेटम नाइट्रिकम ३० , दिन में ४ बार
- जब स्राव काफी मात्रा में व गाढ़ा हो , रात्रि में रोग बढ़े । पीले रंग का बदबूदार नाव । :- मर्क सौल ३० , दिन में ४ बार
नेत्र शोथ ( Conjunctivitis ) का बायोकेमिक दवा कौन हैं ?
बायोकैमिक औषधि :- फैरम फॉस 6x व काली म्यूर 6x
आंख आने पर सामान्य देख रेख क्या है
सामान्य देख रेखः थोड़ा बोरिक एसिड गर्म पानी में डाल कर रूई से आंखों को सेकें , यूफ्रेशिया Q गुलाब जल में 1 व 10 के अनुपात में मिला कर आंख में डालना लाभकारी है ( यूफ्रेशिया आई ड्राप्स भी मिलती हैं ) ।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें (immunity booster things)