पशुओं के नाक से ब्लड आना (नकसीर) का उपचार । TREATMENT OF EPISTAXIS

Epistaxis or Hemoptysis means bleeding from nasal chambers . There is bleeding from the nasal vessels or from those of the accessory nasal cavities . It is not a disease but a symptom of local or systemic disorder .

इसे पढ़ें – पशुओं में ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण (यूआरटीआई) का उपचार । TREATMENT OF UPPER RESPIRATORY TRACT INFECTION ( U.R.T.I. )

Epistaxis यानी नकसीर , नाक से ब्लड आना ( nose bleed )

नाक से ब्लड आना (नकसीर) का कारण क्या है । ETIOLOGY OF EPISTAXIS

  • नकसीर का एक प्रमुख कारण है , नाक के ऊपर एक्सीडेंट से चोट या नाक के अंदर किसी फॉरेन बॉडी की चोट ।
  • कुछ रोग – जैसे ग्लेण्डर्स , नाक के मार्ग में नेजल ग्रेन्युलोमा , पॉलिप या कोई अन्य ट्यूमर होने से ।
  • कुछ रोग Purpura hemorrhagica , Anthrax , B.Q. , Infectious equine anaemia .
  • पॉयजनिंग – Snake poisoning , Bracken fern poisoning , Sweat clover poisoning .
  • Acute allergic condition , Congestive heart failure .
  • हीट स्ट्रोक – तेज गर्मी के दिनों में अक्सर हीट स्ट्रोक होता है ।
  • ब्रीड कुत्तों व घोड़ों की कुछ नस्लों में नकसीर अधिक होती है ।
  • हॉर्स – ( i ) नाक के जरिए स्टोमक ट्युब पास करते समय ।

( 2 ) ग्लेण्डर्स में नेजल म्युकोसा से ब्लीडिंग होती है ।

( 3 ) गटरल पाउच में फंगल इन्फेक्शन होने से ।

( 4 ) रेस के घोड़े दौड़ते – दौड़ते रुकते हैं तो अचानक नाक से ब्लीडिंग होती है और मौत हो जाती है ।

नाक से ब्लड आना (नकसीर) का लक्षण क्या है । SYMPTOMS OF EPISTAXIS

  • ब्लीडिंग नाक के एक छिद्र ( unilateral ) से या दोनों छिद्रों ( bilateral ) से हो सकती है ।
  • ब्लीडिंग कम भी हो सकती है या ज्यादा भी तथा बूंद – बूंद करके ( droplets ) में भी हो सकती है या एक धार भी ( stream ) .
  • नकसीर में ब्लड चमकीले लाल रंग का व ताजा ( fresh ) होता है ।
  • कभी – कभी ब्लड किसी अन्य जैसे सिरम , म्युकस या पस के साथ मिला भी आ सकता है ।
  • कभी – कभी ब्लड नाक के साथ – साथ मुंह से भी आ सकता है ।

नाक से ब्लड आना (नकसीर) का रोग जनन कैसे होता है । PATHOGENASIS OF EPISTAXIS

  • हालांकि इसमें नाक के छिद्रों से ब्लड बाहर आता है लेकिन यह मालूम करें कि यह कहां से आ रहा है यानी इसका स्रोत कहां है ?
  • यदि ब्लीडिंग एक ही नाक से हो रही है तो इसका अर्थ है कि यह नाक के रास्ते से ही हो रही है फेफड़ों से नहीं ।
  • नाक व मुंह से होने वाली ब्लीडिंग में फर्क मालूम करें ।

नाक से ब्लड आना (नकसीर) का उपचार । TREATMENT OF EPISTAXIS

  • नाक व सिर के ऊपर ठंडे पानी या बर्फ से सेंक करें ।
  • Haemostatic – To control capillary bleeding , I / M , I / V

Inj . Adrenalin – 4-8 ml . I / M ,

Inj . Revici . Inj . Botrapose etc.

  • Epinephrine – इसे डायलुट कर नाक के अंदर डालें ।
  • दि ब्लीडिंग अधिक है तो Epinephrine या Adrenaline को स्वाब में डालकर एक या दोनों नाक छिद्रों ( nostrils ) में प्लग करें ।
  • Vitamin K and Calcium therapy- यह ब्लड क्लोटिंग के लिए उपयोगी है ।

– Inj . Kapilin – L.A. – 10 ml . , I / M

– S.A. – 2 ml . , I / M

– Sodium Citrate – 25-30 % solu . , 100 ml . I / V Slow .

– Severe bleeding – Blood transfusion .

इसे पढ़ें – पशुओं के ब्रेन मे सूजन (एनसेफेलाइटिस) का उपचार TREATMENT OF ENCEPHALITIS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *