हम आपको इस लेख के माध्यम से पतंजलि जैसे हर्बल स्वेदशी साबुन बनाने के 4 फार्मूले बताया है।
फार्मूला – 1
सामग्री :-
1. नारियल तेल ( खुला ) – 1 किलो ग्राम 250 ग्राम
2. कास्टिक पोटाश _ 250 ग्राम
3. चने का बेसन – 250 ग्राम
4. पानी 250 ग्राम – 1 लीटर
5. रंग ( तेल में घुलने वाला ) – 2 ग्राम ( 1 चुटकी )
6. सेंट ( इच्छानुसार ) – आवश्यकतानुसार
विधी:-
1. प्लास्टिक के बर्तन में 1 लीटर पानी में 250 ग्राम कास्टिक पोटाश डालकर लकडी से अच्छी तरह चलाकर घोले । इस घोल को लेई कहते हैं । इस घोल को 5-6 घंटे डिस्चार्ज ( ठण्डा ) होने के लिए छोड़ दें ।
2. दूसरे बर्तन में 1 किलो तेल 250 ग्राम बेसन डालकर अच्छी तरह मिलाए , ताकि तनिक भी गाँठ न रहे ।
3. 5-6 घण्टे तक ठण्डा हो जाने पर कास्टिक पोटाश के घोल की धीरे – धीरे तेल बेसन के घोल में डालकर लकड़ी के डंडे से मिलाकर तेजी से घुटाई करते जाएं । यह घोल धीरे – धीरे गाढ़े पेस्ट में बदलता जाएगा । घुटाई सामान्यतः 4-5 मिनट तक की जाए । जितनी घुटाई की जाएगी , उतना ही अच्छा साबुन बनेगा । यह कार्य 2 व्यक्ति मिलकर अच्छा तरह कर सकते है ।
4. साबुन पेस्ट को अब लकड़ी के साँचे अथवा बर्तन में जिसमें साबुन को जमाना है , भर दें तथा 10-12 घण्टे के लिए छोड़ दें । जमने के बाद निर्धारित साईज की टिकिया बनाएं और पैकिंग करें ।
फार्मूला – 2
सामग्री :-
1. सोयाबीन तेल – 500 ग्राम
2. नारियल तेल – 500 ग्राम
3. कास्टिक सोड़ा – 100 ग्राम
4. घुलनशील रंग – आवश्यकतानुसार
5. ग्लिसरीन – 10 ग्राम
6. सुगंध – 5 ग्राम
विधि:-
1. सबसे पहले सोयाबीन व नारियल के तेल को एक में मिलाकर कड़ाही मे गुनगना गरम करें ।
2. इसके बाद 1 ली . पानी में कास्टिक सोडा मिलाकर इसे तेल में मिलाते हुए घोंटते जाएं । पानी ज्यादा हो तो नमक का छिडकाव करें , इससे साबुन पेस्ट और पानी अलग – अलग हो जाएंगे ।
3. साबुन पेस्ट अलग निकालकर इसमें रंग , ग्लिसरीन व सुगंध मिलाकर प्लास्टिक डिब्बे में रख दें । तीन दिन में साबुन जम जाएगा ।
4. अब तार से कटिंग करके डाई के जरिए मनचाहा आकार दीजिए ।
सावधानियाँ :-
1. कास्टिक पोटाश अथवा इसके घोल को हाथ से न छुएं ।
2. कास्टिक पोटाश को खुला न छोड़े ।
3. एल्यूमीनियम या अन्य धातु के बर्तन का प्रयोग न करें । कास्टिक पोटाश के घोल को कम से कम 5-6 घण्टे ठण्डा होने के बाद ही बेसन के घोल में साबुन बनाने हेतु मिलाएं । गर्म में मिलाने से घोल फट सकता है और साबुन खराब हो सकता है । जमने में भी दिक्कत हो सकती है ।
4. यदि कास्टिक पोटाश उपलब्ध नहीं होता है तो इसके स्थान पर 175 ग्राम से 200 ग्राम तक कास्टिक सोडा भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं । ऐसी स्थिति में 50 ग्राम ग्लिसरीन भी इस्तेमाल की जाती है । गाढ़ा पेस्ट बन जाने पर ग्लिसरीन धार से डालकर पेस्ट में मिक्स की जाती हैं ।
फार्मूला – 3
(नहाने का गोमय साबुन)
सामग्री :-
1. नीम तेल – 20 किलो
2. खोपरा तेल – 1 किलो
3. मुल्तानी मिट्टी – 16 किलो
4. गेरू – 4 किलो
5. कास्टिक सोडा – 2 किलो
6. सिलीकेट – 8 किलो
7. गौमूत्र तथा गोबर रस – 20 किलो
विधी :-
1. सर्वप्रथम नीम तथा खोपरे का तेल गुनगुना गर्म करें ।
2. अब इसमें थोड़ी – थोड़ी मात्रा में कास्टिक सोड़ा डालते हुए घोंटते जाइए ।
3. इसके बाद इसमें गौमूत्र तथा गोबर का रस मिलाकर मुल्तानी मिट्टी व गेरू पाउडर मिलाइए ।
4. सबस अंत में सिलीकेट मिलाकर अलग बर्तनों में जमा दीजिए ।
5. साबुन जम जाने पर तार से कटिंग करके पैकिंग कर लें । यह त्वचा के लिए बहुत ही उम्दा साबुन है ।
फार्मूला – 4
(नहाने का हर्बल साबुन)
सामग्री :-
1. मुल्तानी मिट्टी – 1 किलोग्राम
2. आँवला ( सूखा ) – 100 ग्राम
3. नीम की हरी पत्तियाँ – 100 ग्राम
4. दही का मट्ठा – 250 ग्राम
5. नींबू का रस – 100 ग्राम
6. रीठा – 50 ग्राम
7. हल्दी – 25 ग्राम
8. सुंगध – आवश्यकतानुसार
विधी :-
1. मुल्तानी मिट्टी को इमामदस्ते में बारीक कूटकर छान लें ।
2. 100 ग्राम नीम की पत्ती को 500 ग्राम पानी में उबालकर छान लें ताकि लगभग 400 ग्राम पानी प्राप्त हो जाये ।
3. 100 ग्राम आँवले को तैयार नीम के पानी में 12 घण्टे भिगोकर रख दें । तत्पश्चात् अच्छी तरह मथकर तथा छानकर आँवला पानी तैयार करें ।
4. 50 ग्राम रीठा को 100 ग्रम पानी में 12 घण्टे भिगोकर रख दें । तत्पश्चात् अच्छी तरह मथकर तथा छानकर रीठा झाग पानी तैयार करें ।
5. आँवले के पानी , रीठा झाग पानी को एक जगह मिला दें । इस घोल में मठ्ठा ( अच्छई तरह मथी हुई दही ) तथा हल्दी को डालकर अच्छी तरह मिला दें ।
6. तैयार घोल को मुल्तानी मिट्टी के साथ गूंथकर रख दें । 4-5 घण्टे बाद मिट्टी में 100 ग्राम नींबू का रस तथा रुचि के अनुसार सुगंधि डालकर पुनः अच्छी तरह गुँथाई करें ।
7. उपरोक्त तैयार सामग्री साँचे में डालकर अथवा हाथ से साबुन सूखने में मौसम के अनुसार 3 से 6 दिन तक लग जाता है ।