
जीने की कला में आपकी दिनचर्या ‘ का विशेष प्रभाव है ।
- प्रातः जल्दी उठना – ‘ सवेरे ‘ जल्दी उठने से स्वास्थ्य और आयु की वृद्धि होती है ।
- शौच – कर्म – उत्तम स्वास्थ्य के लिये यह कर्म दिन में दो बार प्रातः व सायंकाल अवश्य करना चाहिए ।
- प्रातः भ्रमण – प्रातः भ्रमण से शरीर की बाहरी और भीतरी सफाई होती है , इसी प्रकार टहलना आराम भी है और कसरत भी ।
- भोजन – भोजन के सम्बंध में निम्न बातों पर अवश्य ध्यान दें
1. सदैव भोजन समय पर ही करें । अनियमित समय पर भोजन करना स्वास्थ्य के प्रतिकूल है ।
2. सदा संतुलित भोजन करें । अधिक गरिष्ठ पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है ।
3. भूख से सदैव ही थोड़ा कम भोजन करें ।
4. भोजन में जहां तक संभव हो हरी सब्जियाँ एवं दालों का प्रयोग करें । लाल मिर्च से बचें । वनस्पति घी की अपेक्षा थोड़ी मात्रा में शुद्ध घी का प्रयोग करें अथवा बगैर घी के ही भोजन करें ।
5. कब्ज से बचें क्योंकि कब्ज से आपका पाचन संस्थान बिगड़ जाता है जिससे भोजन पर भी प्रभाव पड़ता है ।
6. तले हुए भोजन देर से पचते हैं , इनसे बचिए ।
7 . भोजन में मांस , मछली , अण्डों का प्रयोग मत कीजिए , ये पदार्थ उत्तेजना फैलाते हैं , इनकी तासीर गर्म होती है ।
8. उत्तेजनाफलक पदार्थों से बचकर सात्विक भोजन की ओर अग्रसर हों ।
9. गरम दूध , चाय या कॉफी पीकर तुरन्त मत सोइए । सूर्योदय से सूर्यास्त तक हमारी दिनचर्या कैसी हो । Daily Routine for Health
स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यक निर्देश:-
चैत में नीम , वैशाख में चावल , ज्येष्ठ में दोपहर को सोना ,आषाढ़ में घर की मरम्मत , सावन में हरे , भादों में चना , आश्विन में गुड़ , कार्तिक में मूली , अगहन में तेल , पौष में दूध , माघ में खिचड़ी , फाल्गुन में प्रातः स्नान करने व खाने से स्वास्थ्य उत्तम रहता है । सुख व लम्बी आयु की प्राप्ति होती है ।