
दाद की बहुत सी लगाने वाली दवाएं बाज़ार में मिलती हैं , किंतु दाद उनसे एक बार अच्छा होने के बाद दुबारा या तिबारा हो जाता है । लक्षणों के अनुसार होम्योपैथिक दवा देने से सदा के लिए आराम हो जाता है तथा अन्य कोई विकार नहीं रहता ।
- जब रोगी गर्म व सर्द दोनो प्रकार के मौसम के प्रति संवेदनशील हो । –बैसिलिनम २०० , या 1M , सप्ताह में एक बार
- जननेन्द्रिय या अंडकोष के पास दाद जो सर्दियों में बढ़े , रोगी ठण्डी प्रकृति का हो ।- हिपर सल्फ ३० , दिन मे 3 बार
- दाद जिसमें अत्यधिक खुजली हो ( खासकर चेहरे पर नाई के यहां के उस्तरे के इस्तेमाल की वजह से) । – टैल्यूरियम ३० , दिन में ३ बार
- मोटे थुलथुले रोगियों में दाद , जिनके हाथ पैर ठंडे रहते हैं।- कैल्केरिया कार्ब ३० या २०० , दिन में ३ बार
- जब अम्ल ( acid ) ज्यादा हो , भूख न हो , और उपरोक्त दवाओं से फायदा न हो । – सल्फर ३० , दिन में २-३ बार
- अंगूठी की तरह गोल दायरे वाले दाद के लिए । भूरे रंग के दाने जिनसे खुश्क , सफेद परत उतरे । सुई चुभने का सा अहसास । – सीपिया ३० , दिन में ३ बार
- जीभ पर दाद । ( ख़ासकर दाहिनी ओर ) । – सैनिकुला ३० , दिन में २-३ बार
- जीभ के दाहिने भाग पर दाद । – नैट्रम म्यूर ३० , दिन में २-३ बार
- जब रोग पूरे शरीर पर फैला हो – जलन हो । जल्दी ठीक होने का नाम न ले । – सोराइनम ३० , दिन में २-३ बार
- जलन के साथ दाद , खुश्क परत सी उतरे व ख़ारिश हो । – बाविस्टा ३० या २०० , दिन में २ बार
- Dr.Reckeweg R82 Mycox for ringworm, jock itch, vaginal yeast, fungal skin यह काफी फायदेमंद दवा है।

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