
शास्त्रों में कहा गया है-
पूतिमासं स्त्रियो वृद्धा बालार्कस्तरूणंदधि ।
प्रभाते मैथुनं निद्रा सद्यः प्राण हराणिषट् ।
अर्थात् – सड़ा मांस खाना , वृद्धा स्त्री से सम्भोग , आश्विन का सूर्य , तत्काल का जमाया हुआ दही , प्रभात समय का मैथुन एवं निद्रा – ये छः प्राण को तत्काल नाश करने वाले होते हैं ।
- बासी मांस न खायें ।
- वृद्धा औरत के साथ सहवास न करें ।
- तुरन्त का जमा दही न खायें ।
- गर्भवती औरत के साथ सहवास न करें ।
- रात्रि में फल न खायें ।
- सूर्य की ओर मुंह करके पेशाब न करें ।
- बरगद , पीपल , देव मंदिर , नदी व श्मशान में पेशाब न करें ।
- भोजन के समय क्रोध न करें ।
- दही व मूली एक साथ न खायें ।
- लौकी व उरद की दाल एक साथ न खायें ।
- मछली व दूध एक साथ न खायें ।
- बच्चों के सामने गुप्त बातें एवं अश्लील बातें न करें ।
- पड़ोसी ब्राह्मण तथा सम्पन्न व्यक्ति से बातें करें ।
- चिकित्सक ( वैद्य ) से भूलकर भी बैर न करें ।
- रोग और दुश्मन को छोटा न समझें ।
स्वास्थ्य रक्षा के 15 नियम । Top 15 Rule of Health protection