
गुहेरी या अंजनहारी ( Stye ) को ‘बिलनी’ भी कहते हैं।
गुहेरी या अंजनहारी ( Stye ) किसे कहते हैं ?
आंखों की पलकों पर सूजन भरी फुसी होने को गुहेरी कहते हैं ।
गुहेरी या अंजनहारी ( Stye ) के होम्योपैथक दवा :-
- प्रारम्भिक अवस्था , ख़ास कर जब गुहेरी ऊपरी पलक पर हो । चिकनाई या गरिष्ठ भोजन से रोग वृद्धि । :-
- जब पल्साटिला काम न करे , हर प्रकार की गुहेरी में काम आने वाली दवा । जब अंजनहारी हो जाने के बाद उस जगह सख्त गाँठ बन जाए । :- पल्साटिला ३० , दिन में ३-४ बार
- जब गुहेरी बार – बार हो और स्टेफिसएगेरिया भी काम न करे । रोगी संवेदनशील हो । :- स्टेफिसएगेरिया ३० , दिन में ३ बार
- बार – बार गुहेरी होने पर । मरीज़ रात में , बिस्तर की गर्माहट से , पसीने के दौरान , तर में व ठण्डे मौसम में परेशानी महसूस करे । :-हिपर सल्फ़ 1M ,२-३ खुराक दें
गुहेरी या अंजनहारी ( Stye ) के बायोकेमिक दवा कौन सा है ?
बायोकैमिक औषधि :- कैल्केरिया फ्लोर 6x या 12X