हमने इस लेख के माध्यम से आपको गाय को होने वाले कुछ गम्भीर बीमारियों के होम्योपैथिक तथा घरेलू उपचार के बारे में बताया है जो कि काफी किफायती है।

जो गाय सिर से या सींग से मारती हैं ।
दवा :- Nux – Vomica – 200 5 बूंद दिन में एक बार 5 दिन दें । आदत छूट जायेगी ।
गाय पैर से लात मारती है ।
दवा :- Laehesis – 1000 5 बूंद पहले दिन व 15 दिन बाद दूसरी खुराक दें । लाभ होगा ।
जिस गाय का बछड़ा – बछड़ी मर जाये गाय दूध देना बंद कर दें ।
दवा :- उसे Ignatia – 200 5 बूंद दिन में एक बार 5 दिन दें ।
जिस गाय के थनों में खून आता हो ।
दवा:- Ipeacac – 200 5 बूंद दिन में एक बार 5 दिन दें लाभ होगा ।
जिस गाय की गर्भाशय बाहर आता हो ।
दवा:- उसको नीम के पानी से धो दें फिर फुलाई हुई फिटकड़ी के पानी में कपड़ा भिगोकर लपेट दें । खाने में Sepia – 200 की 5 बूंद दिन में एक बार पांच दिन दें ।
जिस गाय का थन सूज जाये , छूने न दे ।
दवा :- उसे Belladona – 200 दिन में एक बार 5 बूंद पांच दिन दें ।
जिस गाय को कांच , कांटा , कील , कीड़ा डंक मार दें ।
दवा :- उसे Ledum Pel – 36 ( लेडमपाल ) की 5 बूंद आधा – आधा घंटे में तीन बार दें ।
जिस गाय को मुंह पका – खुरपका हो जाय ।
दवा:- उसके खुर को नीम के उबले पानी से धो दें । फिर पेट्रोल में रुई भिगोकर पैर के घाव पर रख दें कीड़े बाहर निकलेंगे उन्हें दूर फेंकदे फिर हल्दी व गोमूत्र का लेप बनाकर घाव पर लगा दें ।
मुँह में कांटे हो गये है , मुँह से लार गीरती है ।
दवा :- मोटा नमक पीसकर रगड़ दें तुरन्त लाभ होगा एवं Marc – sol ( मर्कसील -200 ) की 5 बूंद पांच दिन मुंह में डालें लाभ होगा । पशु को अलग बांधे ।
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