रक्त की उल्टी कई कारणों से होती है कारण ढूंढें , बहुत ज्यादा लगातार उल्टी होती हो तो हालत गंभीर होता हो तो 20 नंम्बर की एक गोलीमुंह में डाल दें । 1/2 गिलास पानी में गरम करके ठंडा किया हुआ 4 गोली डालें प्रति उल्टी पर एक चम्मच पिलायें ।
- इपिकाक 30 : लगातार मिचली , उल्टी थोड़ी – थोड़ी रक्त लाल या अलकतरे जैसे भी हो सकता है , पकाशय में दर्द उल्टी के साथ कफ भी आये ।
- बेलाडोना 30 : सिर में रक्त संचय , आंख चेहरा लाल , जलन , गर्मी , आखों के सामने झिलमिलाहट , किसी प्रकार का खाद्य – पेय पदार्थ अच्छे नहीं लगते ।
- वेरेट्रम आल्ब 30 : पतले काले रंग के खून की उल्टी , नाड़ी की गति धीमी , ठंडा पसीना , बेहोशी या चेहरा पीला पड़ना तथा हाथ पैर ठंडा होने पर ।
- इरिजिरन : तेज जलन उबकाई रक्त की उल्टी ।
- फासफोरस 30 : पकाशय में जलन , ठंडा पानी पीयें , स्याही और कहवा चूर्ण की तरह व बदबूदार तरल पानी की तरह उल्टी । पीया हुआ पानी आमाशय में गरम होते ही उल्टी ।
- आर्निका 30 : चोट लगने के कारण , अत्यधिक परिश्रम करने से या बोझ उठाने के कारण लाल रंग के थक्के थक्के की उल्टी । सारे देह में कुचलन , दर्द ।
- एकोनाईट 30 : अचानक तेज बुखार , बेचैनी , भय साथ ही रक्त की उल्टी ।
- चयना 30 : अपने आप काफी कमजोर काले रंग की रक्त मिली उल्टी , हाथ पैर ठंडे भी हो सकते हैं ।
- सीकेल कोर 30 : भूरे की सड़ी उल्टी , रोगी बहुत दुर्बल । रोगी चुपचाप पड़े रहते हैं । चेहरा , जीभ , ओंठ , हाथ , पैर शिथिल पीले दिखते हैं ।
- कार्बोवेज 30 : उल्टी करते समय हाथ – पैर ठंडे , रक्त की उल्टी में खट्टापन और पित्त भी हो , चेहरा मुर्दा जैसा हो , पंखे की हवा चाहता हो ।
- आर्सआल्ब 30 : रक्त की उल्टी बेचैनी , घबराहट , तेज प्यास , पानी थोड़ा – थोड़ा पीये ।
- हैमामेलिस 30 : काले रंग की उल्टी , पकाशय में कंपन , नीचे भारीपन , गड़गड़ाहट , पकाशय में दर्द , रीढ़ के अन्दर दर्द ।
- हायोस्यामस : हिस्टीरिया के दौरे में उल्टी गहरे लाल रंग के , पेट फूलना , कमजोरी कंपन का अनुभव , रक्त मिश्रित कफ की उल्टी ।
- नक्सवोमिका 30 : शराब , मांस , मछली , ज्यादा खाने से , क्रोध , उत्तेजित स्वभाव , कब्ज पकाशय भरा तनाव , रक्त या काले रंग की उल्टी ।
दवाओं का सामान्य सेवन विधि –
1. Q 5 से 10 बूंद। कुछ दवाओं में 2 बूंदें होंगी, जिसका उल्लेख यथा स्थान पर है।
2. 3x, 6 तीन बार या दिन में चार बार।
3. 24 घंटों में 30 पोटेंसी की 1 बूंद की खुराक। यह विशेष परिस्थितियों में तीन, चार बार भी उपयोग किया जाता है।
4. सप्ताह में एक बार 200 पोटेंसी की एक बूंद।