
कान क्यों बहता है?
यह बीमारी प्रायः कई कारणों से हो सकती है , जैसे कान में सूजन , खसरे के बाद , आदि ।
कान बहने का होम्योपैथीक दवा कौन है ?
- जब रोगी ठंड के प्रति संवेदनशील हो । पुराने मर्ज़ में । – साइलिशिया 12X या ३० , दिन में ३ बार
- गाढ़ा पीला स्राव , रोगी को खुली ठंडी हवा अच्छी लगे । प्यास कम रहे ।- पल्साटिला ३० , 4 बुंद दिन में ३ बार
- जब ठंड से तकलीफ बढ़े ; जिस तरफ कान में पीड़ा ज्यादा हो उस तरफ लेटा भी न जाए । – हिपर सल्फर ३० , 4बुंद दिन में ३ बार
- कान से बदबूदार स्राव , जब दूसरी दवाओं से फ़ायदा न हो । रोगी ठंडी प्रकृति का हो । – सोराइनम २०० या 1M , आवश्यकतानुसार
- जब स्राव चिपचिपा हो । धागे की तरह खिंचने वाला स्राव । – काली बाई ३० , 4 बुंद दिन में ३ बार
Kan beh raha he iske liye key kare