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एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) क्या है ?
यह जुगाली करने वाले पशुओं का एक महत्वपूर्ण रिकेसियल रोग है जो एनाप्लाज्मा के कारण होता है । इस रोग में पशु काफी कमजोर हो जाता है तथा एनीमिया व पीलिया हो जाता है । यह मुख्य रूप से गाय , भेड़ व बकरियों में पाया जाता है । गायों में यह संकर नस्ल की गायों में अधिक होता है । भैंस व भेड़ में भी यह पाया जाता है । प्रायः तीन वर्ष से अधिक उम्र के पशुओं में रोग की संभावनाएं अधिक होती है ।
एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) का कारण क्या है ?
ETIOLOGY – Blood protozoan parastie
-Anaplasma marginale ( Cattle )
-Anaplasma centrale ( Sheep & Goat )
यह एनाप्लाज्मा RBC के अंदर पाया जाता है । गाय , भैंसों की RBC में यह किनारे पर तथा भेड़ , बकरियों की RBC में यह केन्द्र में पाया जाता है ।
एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) फैलता (TRANSMISSION) कैसे है ?
यह रोग टिक्स , काटने वाली मक्खियों ( biting flies ) व मच्छरों से फैलता है । कभी – कभी यह संक्रमित सुई से भी फैल सकता है । ये परजीवी , रोगी पशु को काटते समय व खून चूसते समय ब्लड के साथ एनाप्लाज्मा को भी खींच लेते हैं तथा दूसरे स्वस्थ पशु को काटते समय उसमें पहुंचा देते है । एक बार रोगग्रस्त हो जाने पर पशु लम्बे समय तक केरियर की तरह रोग फैलाता रहता है । ये एनाप्लाज्मा ब्लड में पहुंचकर RBC में जमा हो जाते हैं । ऐसे RBC कणों को तिल्ली ( spleen ) मार देती है , जिससे शरीर में RBC की कमी से एनीमिया हो जाता है ।
एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) का लक्षण क्या है ?
SYMPTOMS – Cattle – Incubation period , 3-4 weeks
- टेम्प्रेचर , बुखार धीरे – धीरे बढ़ता है तथा 105 डि.फा. से ऊपर बहुत कम बढ़ता है । भूख कम लगना , कमजोरी ।
- म्युकस मेम्ब्रेन – हल्की पीली , सफेद पीलिया ।
- हिमोग्लोबिनुरिया नहीं , मूत्र का रंग सामान्य ।
- परएक्युट गंभीर मामलों में जब लक्षण एकाएक प्रकट होते है तो अधिक लार गिरती है , तेज सांस चलती है , और पशु की अचानक ही मौत हो जाती है ।
- क्रॉनिक रूप – जब रोग लम्बा चलता है तो भूख कम हो जाती है , शरीर का तापमान घटता व बढ़ता रहता है , एनीमिया हो जाता है तथा काफी कमजोर हो जाता है ।
P.M. Findings –
- शारीरिक कमजोरी , पीलिया । ब्लड पानी जैसा पतला हो जाता है ।
- लिवर आकार में बढकर नारंगी रंग का हो जाता है ।
- तिल्ली ( spleen ) भी आकार में बड़ी हो जाती है ।
- हृदय की मांसपेशियों में जगह – जगह ब्लड निकलता है ।
एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) का उपचार क्या है ?
TREATMENT –
- Tetracycline , Very effective -5 दिन तक I / N या I / M दें ।
- Berenil – 20 mg / kg b.wt. , I / M single time .
- Blood transfusion- if possible .
- Supportive treatment- Liver extract , Haematinic drugs .
एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) का रोकथाम क्या है ?
CONTROL –
- इसकी रोकथाम , चीचड़ों , मक्खियों , मच्छरों आदि के नियंत्रण से ही संभव है जो कि एक बहुत ही मुश्किल काम है । लेकिन पशु बाड़े के आसपास कुछ हद तक यह संभव है ।
- इस रोग की रोकथाम इसलिए भी मुश्किल है कि जो पशु एक बार रोगग्रस्त हो जाता है तो उसके ब्लड में लम्बे समय तक प्रोटोजोआ पेरेसाइट रहते हैं , यानी वह केरियर बना रहता है और वह आगे से आगे स्वस्थ पशुओं में रोग फैलाता रहता है ।
- समय – समय पर ब्लड की जांच करवानी चाहिए तथा जो पॉजेटिव मिले उनका इलाज कराना चाहिए । विदेशों में केरियर पशुओं को खत्म कर दिया जाता है ।
एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) का वैक्सीन (vaccine) क्या है ?
VACCINE –
Killed anaplasma marginals vaccine , , यह विदेशों में प्रयोग में ली जाती है लेकिन अधिक असरदार नहीं है ।
एनाप्लाज्मोसिस ( ANAPLASMOSIS ) का होम्योपैथिक उपचार क्या है ?
Homeopathic medicine –
- ट्राईनाइट्रो टॉल्युन ( Trinitrotoluene ) :- एनाप्लाज्मोनिस की यह एक असरदार दवा है । यह हार्ट रेट को सही करती है तथा खून की कमी की पूर्ति करती है । शुरू में हर चार घंटे एक दिन तक तथा इसके बाद दिन में एक बार एक सप्ताह तक दें ।
- क्रॉटेलस हॉरिडस 1000 ( Crotalus Horridus 1m) :- रोग की एक्यूट अवस्था में तथा रोग के बढने पर लिवर पर अधिक जोर पड़ने पर हर दो घंटे बाद दें ।
- फॉस्फोरस 1M ( Phosphorus 1M ) :- यह लिवर के नुकसान को रोकता है और भूख सही करता है । दिन में एक बार एक सप्ताह तक दें ।
- चायना ( China ) :- शरीर में ब्लड की कमी के बाद शरीर को पुनः शक्ति प्रदान करता है । इसे दिन में दो बार एक सप्ताह तक दें