कपड़ों में आग लग जाने पर कभी भागना नहीं चाहिए ; बल्कि फ़ौरन लेट जाना चाहिए और दरी , कंबल , चादर या कुछ मोटा कपड़ा जो भी मिले उससे फौरन ढक देना चाहिए । चूने के पानी में नारियल का तेल मिला कर जले हुए स्थान पर लगाना चाहिए । कुछ सुविधा होने पर कैन्थेरिस Q और पानी , एक और दस के अनुपात में मिलाकर लगाना चाहिए । ज्यादा जल जाने पर प्राथमिक उपचार करने के बाद मरीज़ को फौरन अस्पताल ले जाना चाहिए ।

- जब बेहद जलन हो , फफोले पड़ने लगे । – कैन्थेरिस ६ या ३० , हर २ घंटे बाद
- जब ज़्यादा जलने के कारण ज़ख्म हो जाएं । – कैलेन्डुला Q , पानी में मिला कर साफ करे
- जब ज़्यादा जलने के कारण मृत्यु भय , बेचैनी , घबराहट आदि हो । – एकोनाइट ३० या २०० , दिन में ४ बार
- यदि अमिट प्यास , कमज़ोरी , व बेचैनी हो । – आर्सेनिक एल्ब ३०, दिन में ४ बार
- यदि ज़ख्मों में मवाद पड़ने लगे व बेहद दर्द हो । – हिपर सल्फ़ ३० , दिन मे 3 बार
- यदि ज़ख्म सड़ने लगें । – साइलिशिया ३० , दिन में 3 बार
- जलने के बाद जब बार – बार ज़ख्म हों । नम मौसम में अच्छा रहे । – कॉस्टिकम ३० , दिन में 3 बार
- गर्म पानी या तेल से जलने पर जब छाले न बने हों । – अर्टिका यूरेन्स Q पानी में मिला कर लगाएं या Wheezal Cantharis Ointment for Burns क्रिम लगाएं।
