
मन्त्र
नमो अगिया बीर बैताल पेठि सतामें पाताल जाघाग्नि की बलती जवाल बैठि ब्राह्म के कपाल मछली कांगली गूगुल हड़ताल इन कस्वाले चालिन से चले तो माता कालिका की आन ।
बिधी
उपरोक्त मंत्र को होली की रात्रि को एक लाख बार जपे चील रोहु मछली का मास लेकर भोगलगावे गूगुल और हरताल की धूप दे और रोहू मछली को अभिमन्त्रित कर अपने पास रखे जहाँ २उस मछली को पधराइयेगा अग्नि प्रकट होगी ।